Game Experience
Я думал, что выигрываю — на самом деле я перестраивал себя

Раньше я думал, что Фусю-Фест — просто способ сбежать от шума мира. Но теперь я понял: каждая карта в полночь — не о победе, а о тишине между дыханиями. Свет фонарных огней в Лунный Новый Год — как шепота памяти. Дом был пуст после трёх ночи. Я преследовал следы «Ляньчжуана» — не ради одобрения, а чтобы впервые снова услышать себя. Сердце требовало исцеления.
EchoLane23
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جب میں نے سوچا کہ میں گیم جِت رہی تھی… اصل میں تو میں اپنے خوابوں کو دوبارہ تعمیر کر رہی تھی! ٹائمس پر فونٹ لینٹرنز بجھ رہے تھے، اور سانس کا رحم بدل رہا تھا۔ دوسرے کھلاڑی تو صرف اسکور پر بڑھ رہے تھے… مگر میرا ‘لائن زوان’ تو اپنے والد کا سرخ لفاف تھا جو کبھی نہ کھولا گيا! اب تو واقعِتَ ماں آواز سنّتِ حضرتَ مَسْکُوفِتَ دارِ عُودِ — جب بات، تم نئي قسم؟

मैंने सोचा कि गेम में जीत होना है… पर सच्चाई? मैंने खुद को फिर से बनाया! 😅
3 AM का समय हुआ… पूरा हाउस साइलेंस में डूबा।
मम्मी की आवाज़ FaceTime पर ‘अभिमान’ कहती है — पापा के red envelope में ‘प्रश्न’ है!
खेल कभी ‘जीत’ के लिए नहीं… ‘खुद’ के साथ ‘साँस’ के लिए होता है।
अगर तुम्हारे पर ‘बुंटी’ (कुत्ते) हँसता है — तुम क्योंकर? 😉 #DilliGamerGirl


